इन्दौर, १० अप्रैल ।विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड), इन्दौर ने वित्त वर्ष २०११ -१२ के दौरान रिकार्ड १६३७ करोड़ रूपये का निर्यात कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वित्त वर्ष के दौरान एसईजेड, इन्दौर में २६०३ करोड़ रूपये का रिकार्ड कारोबार भी हुआ है।
एसईजेड, इन्दौर के विकास आयुक्त श्री ए.के. राठौर ने बताया कि वित्त वर्ष २०११-१२ के दौरान निर्यात में ३१ प्रतिशत की वृद्घि दर्ज करते हुये १६३७ करोड़ रूपये के आ कड़े को छुआ है। जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में कुल १२४२ करोड़ रूपये का निर्यात हुआ था। इसी तरह वित्त वर्ष २०१०-११ के कारोबार १९११ करोड़ रूपये में ३६ प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की गई और वित्त वर्ष २०११-१२ में २६०३ करोड़ रूपये का कारोबार हुआ । श्री राठौर ने बताया कि यहां २७९९ करोड़ रूपये का निवेश हो चुका है तथा इस समय ३५ इकाईयां कार्यरत है और ८ अन्य इकाईयों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। एसईजेड में फार्मास्यूटिकल, ;इजीनियरिंग, कृषि, वस्त्र, सूचना प्रौद्योगिकी आदि इकाईयों में करीब १६ हजार लोगों को रोजगार मिला है।
श्री राठौर ने बताया कि एसईजेड, इ न्दौर के लिये निर्धारित १११३ हेक्टेयर क्षेत्र में से अभी तक ५१३ हेक्टेयर क्षेत्र को प्रोसेसिंग एरिया अधिसूचित किया गया है। बाकी क्षेत्र में विनिर्माण और सेवा गतिविधियों के अलावा आ वासीय परिसर, स्कूल, कालेज, अस्पताल, होटल जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किये जा रहे हैं।
एसईजेड, इन्दौर के विकास आयुक्त श्री ए.के. राठौर ने बताया कि वित्त वर्ष २०११-१२ के दौरान निर्यात में ३१ प्रतिशत की वृद्घि दर्ज करते हुये १६३७ करोड़ रूपये के आ कड़े को छुआ है। जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में कुल १२४२ करोड़ रूपये का निर्यात हुआ था। इसी तरह वित्त वर्ष २०१०-११ के कारोबार १९११ करोड़ रूपये में ३६ प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की गई और वित्त वर्ष २०११-१२ में २६०३ करोड़ रूपये का कारोबार हुआ । श्री राठौर ने बताया कि यहां २७९९ करोड़ रूपये का निवेश हो चुका है तथा इस समय ३५ इकाईयां कार्यरत है और ८ अन्य इकाईयों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। एसईजेड में फार्मास्यूटिकल, ;इजीनियरिंग, कृषि, वस्त्र, सूचना प्रौद्योगिकी आदि इकाईयों में करीब १६ हजार लोगों को रोजगार मिला है।
श्री राठौर ने बताया कि एसईजेड, इ न्दौर के लिये निर्धारित १११३ हेक्टेयर क्षेत्र में से अभी तक ५१३ हेक्टेयर क्षेत्र को प्रोसेसिंग एरिया अधिसूचित किया गया है। बाकी क्षेत्र में विनिर्माण और सेवा गतिविधियों के अलावा आ वासीय परिसर, स्कूल, कालेज, अस्पताल, होटल जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किये जा रहे हैं।
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