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इंदौर शहर एवं जिले में ईंट निर्माण कारोबार तहस-नहस


   इंदौर 10 मई।  शहर एवं जिले के डेढ़ हजार से अधिक ईंट भट्टों पर रखी करीब दो से ढाई  करोड़ कच्ची ईंटे आज पूरी तरह मलबे में बदल गई। इस प्राकृतिक आपदा से ईंट भट्टा उद्योग को तो करोड़ों का नुकसान हुआ ही, शहर में चल रहे निर्माण कार्यों की गति एवं लागत पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा। प्रदेश के उद्योगमंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय एवं विधायक श्री रमेश मैंदोला ने भी आज भट्टा संचालकों को आश्वस्त किया है कि शासन की ओर से हर संभव मदद दिलाई जाएगी।
    मप्र ब्रिक्स मैन्यू. एसो. के अध्यक्ष रमेश प्रजापति, महामंत्री श्किशोर तेनगुरिया एवं अशोक मौर्य ने बताया कि पिछले 1 सप्ताह से हर दिन ईंट निर्माण इकाईयों के लिए शामत बनकर आ रहा है। मौसम के कहर से यहां डेढ़ हजार से ज्यादा भट्टों पर पकाने के लिए रखी गई। करीब ढ़ाई करोड़ कच्ची ईंटे तबाह हो गई हैं जबकि यहां काम करने वाले मजदूरों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। औसतन प्रत्येक भट्टे पर 75 हजार से 1 लाख कच्ची ईंटें, मई के मौसम में पकाने के लिए तैयार रखी होती है, किंतु मौसम की बेईमानी ने पिछले चार दिनों में तो जो कहर ढाया था, वह  अभी थमा भी नहीं कि आज शाम हुई वर्षा ने बचे-खुचे माल को भी पूरी तरह तबाह कर दिया है।
अब एसो. के पदाधिकारियों ने शहर के जनप्रतिनिधियों एवं जिला प्रशासन से मिलकर उन्हें इस आपदा से अवगत कराने का निर्णय लिया है। इस श्रृंखला में आज शाम उद्योगमंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक श्री रमेश मैंदोला से एसो. के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात कर जब उन्हें इस बर्बादी की दास्तां सुनाई तो उन्होंने भी शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया है।

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