लोकल इंदौर विशेष 9 जनवरी । इंदौर के देवी अहिल्या बाई होल्कर विमान तल पर 29 नवम्बर 2012 को एक साथ उतरने की घटना में स्पाइस जेट विमान चालक की ही गलती पाई गई है। हांलाकि इसमें कोई दुघर्टना नही हुई थी ।
इंदौर के देवी अहिल्या बाई होल्कर विमान तल 29 नवम्बर 2012 को 3700 फीट उपर आकाश में उड रहे दो विमान ने एक साथ लैंड़िग करी थी । इस घटना में दोनों विमानों के हवा मे टक्राने की संभनवा से इंकार नही किया जा सकता था। बाद में इस मामले की जॉंच एयर इन्वेरूटीगेशन टीम एआईटी ने जाचं मे पाया कि दोनो ही स्पाइस जेट विमानों को जो हैदराबाद इंदौर एसजे 1053 और देहली इंदौर एसजे2225 को एक ही समय में उतरने की अनुमति दी गई थी। हैदराबाद फ्लाईट 5000 फीट तथा देहली 3700 फीट की उचाई पर थी । देहली फ्लाइट के केप्टन ने इसका विरोध किया था। डिजीटल डाटाजॉंच में हेदराबाद फ्लाइट के केप्टन आर भल्ला को दोषी पाया गया । जांच के अनुसार देहली फलाइट हवाई पट्टी के नजदीक पहुच चुकी थह तभी हैदराबाद की फ्लाइट उसके नजदीक आ गई । यदि देहली फ्लाइट की गति धीमी नहीं की जाती तो दुघर्टना संभव थी ।
इंदौर के देवी अहिल्या बाई होल्कर विमान तल 29 नवम्बर 2012 को 3700 फीट उपर आकाश में उड रहे दो विमान ने एक साथ लैंड़िग करी थी । इस घटना में दोनों विमानों के हवा मे टक्राने की संभनवा से इंकार नही किया जा सकता था। बाद में इस मामले की जॉंच एयर इन्वेरूटीगेशन टीम एआईटी ने जाचं मे पाया कि दोनो ही स्पाइस जेट विमानों को जो हैदराबाद इंदौर एसजे 1053 और देहली इंदौर एसजे2225 को एक ही समय में उतरने की अनुमति दी गई थी। हैदराबाद फ्लाईट 5000 फीट तथा देहली 3700 फीट की उचाई पर थी । देहली फ्लाइट के केप्टन ने इसका विरोध किया था। डिजीटल डाटाजॉंच में हेदराबाद फ्लाइट के केप्टन आर भल्ला को दोषी पाया गया । जांच के अनुसार देहली फलाइट हवाई पट्टी के नजदीक पहुच चुकी थह तभी हैदराबाद की फ्लाइट उसके नजदीक आ गई । यदि देहली फ्लाइट की गति धीमी नहीं की जाती तो दुघर्टना संभव थी ।
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