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इंदौर के शनि मंदिर में होता है रोज शनि देव का श्रृंगार


इंदौर १८ मई । मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक ऐसा अनोखा  पुरातन शनि मंदिर है जो  अपने चमत्कारों के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध है. इस मंदिर की कई परम्पराएं ऐसी है जो इसे विशिष्ट बनाती है. ये शायद विश्व का एकमात्र शनि मंदिर है  जहां रोज शनि महाराज का दूध और पानी से अभिषेक होता है  ,देश के कई जाने-माने संगीतज्ञ, गायक और वादक अपनी प्रस्तुति दे चुके है 
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- इंदौर के जुनी इंदौर नामक इलाके में बना ये शनि मंदिर अपनी प्राचीनता के कारण जितना प्रसिद्ध  है उतना ही यहाँ से जुड़े चमत्कारों के किस्सों के कारण भी है.आमतौर पर लोग शनि महाराज को क्रूरता का प्रतीक मानते है और लगभग सभी मंदिरों में शनि महाराज की प्रतिमा काले पत्थर की बनी होती है जिसपर कोई श्रृंगार नहीं होता लेकिन ये एक ऐसा मंदिर है जहां शनिं भगवान रोज आकर्षक श्रृंगार में शाही पौशाख पहनकर अपने भक्तों को दर्शन देते है. इस प्राचीन  मंदिर में शनि भगवान का स्वरुप इतना आकर्षक होता है कि श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो जाते है और उनके मन से शनि के क्रूर रूप का डर  भी निकल जाता है.
  यहाँ के पुजारी निलेश तिवारी मंदिर के बारे में बताते है कि इस पुरातन मंदिर का इतिहास लगभग सात सौ वर्ष पुराना है.उस समय ये इलाका जंगलों से घिरा हुआ था. पूरे क्षेत्र में इक्का दुक्का घर थे.यहाँ रहने वाले एक अंधे धोबी को सपने में भगवान ने ये कहा कि जिस पत्थर पर  वो रोज अपने कपडे धोता है मै उसीमें रहता हूँ. इसपर धोबी ने कहा कि मै तो अंधा हूँ मुझे कैसे पता चलेगा. मंदिर के पुजारी प. निलेश तीवारी बताते है कि अगले दिन जब वो धोबी जागा तो इस मंदिर का पहला चमत्कार घटित हुआ. जन्म से अंधे धोबी को दृष्टि मिल गई थी. उसके बाद आसपास के क्षेत्रों के लोगों ने उस पत्थर को निकलवाकर शनि भगवान की प्राण प्रतिष्ठा करवाई. इसके बाद अगला चमत्कार शनि जयंती को हुआ जिस स्थान पर प्रतिमा को स्थापित किया गया था शनि जयंती के दिन सुबह वाहन से प्रतिमा अपने आप मंदिर में ही एक अन्य स्थान पर पहुँच गई.

उनके अनुसार   ये शायद विश्व का एकमात्र शनि मंदिर है  जहां रोज शनि महाराज का दूध और पानी से अभिषेक होता है फिर सिन्दूर का चौला चढ़ाकर चांदी के वर्क लगाये जाते है और फिर शाही पौशाख से उनका श्रृंगार किया जाता है.शनि महाराज के इस अनोखे स्वरुप का दर्शन करने देश विदेश से लोग यहाँ आते है  इस मंदिर में विराजित शनि माहाराज के सामने देश के कई जाने-माने संगीतज्ञ, गायक और वादक अपनी प्रस्तुति दे चुके है. ये एकमात्र शनि मंदिर है जहां हर शनि जयंती को सात या नौ दिन का संगीत  समारोह मनाया जाता है जिसमे राष्ट्रीय स्तर के कलाकार जिनमे पं. भीमसेन जोशी तो हैं ही साथ ही प्रसिद्ध गजल गायक अहमद हुसैन-मोहम्मद हुसैन, मोहन वीणा वादक पं. विश्वमोहन भट्ट, वीणा वादिका राधिका उमड़ेकर, रघुनाथ फड़के, डॉ. प्रभा अत्रे सहित देश के कई जाने माने कलाकार  शनि महाराज के सामने अपनी प्रस्तुति चुके है

- शनि भगवान से जुडी मान्यता है कि  शनि के प्रकोप का डर और शनि के टोटको के चलते तो लोग शनि मंदिर में   आते ही है लेकिन ऐसे हज़ारों लोग है जो किसी डर या टोटके के कारण नहीं बल्कि मन की शान्ति के लिए यहाँ आते है.हर शनिवार को मंदिर में हज़ारों लोग याहं आते है और ग्रहण, अमावस या शनि जयंती पर तो यहाँ मेला ही लग जाता है. ऐसे भी कई लोग है जो सालों से नियमित रूप से यहाँ आते है ।

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