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वे पूरा कर रहे है स्वामी विवेकनद का सपना --------

 इंदौर २८ जनवरी । स्वामी  विवेकानद  के आदर्शो को अपने जीवन में उतार कर इंदौर के पास मांगलिया के  प्राथमिक विद्यालय  के एक शिक्षक जो कर  रहे है वो उनके जज्बे को दर्शता है । उन्होंने ग्रामीण युवाओं के भविष्य को सँवारने की मन में ठानी और निकल पड़े अपने मिशन पर। गाँव-गाँव में वे कैरियर व व्यक्तित्व विकास के शिविर लगाते हैं और शहरों में आकर पढ़ने और भविष्य बनाने का सपना देखने वाले युवाओं के दिलों में आत्म विश्वास भरते हैं। 
          ये कहानी है  38 वर्षीय रविशंकर भाटिया  की ।जो मांगलिया के  प्राथमिक विद्यालय  में शिक्षक  है । कॉलेज  के समय वे स्वामी विवेकानंद का साहित्य पढ़ते थे। इसका ऐसा असर हुआ कि जब वे खुद कमाने के काबिल हुए तो स्वामीजी के आदर्शों से प्रभावित होकर उन्होंने युवाओं को दिशा देने की ठानी।
           वर्ष 1990 में उन्होंने विवेकानंद युवा महामंडल की स्थापना की। शुरूआत में वे अकेले गाँवों में जाकर कॉलेज की दहलीज पर कदम रखने वाले विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देते थे। वर्ष 2000 में उन्होंने खुद की जमा पूँजी से ओंकारेश्वर में 85 हजार रुपए में भूखंड खरीदा और वहाँ विवेकानंद साधना केंद्र खोला, जहाँ युवाओं के लिए साप्ताहिक शिविर भी लगाते हैं। समाज सेवा के इस अभियान की खातिर रविशंकर ने विवाह भी नहीं करने का फैसला लिया है। वे कहते हैं कि प्रतिभा होने के बावजूद गाँव के अधिकांश युवा हीनभावना से ग्रस्त रहते हैं। उनका व्यक्तित्व विकास नहीं हो पाता। इसका असर उनके कैरियर पर भी पड़ता है।
 

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