Total Pageviews

कैलाश विजयवर्गीय को सुगनीदेवी जमीन घोटाले में क्लीन चिट

 इंदौर २१ जनवरी  इंदौर के बहुचर्चित सुगनीदेवी जमीन घोटाले में विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त आगामी 20 फरवरी को इंदौर की विशेष न्यायालय में जो जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने जा रही है उसमे उद्योग मंत्री और इंदौर के तत्कालीन महापौर कैलाश वियजवर्गीय को क्लीन चिट  दी  जा रही है 
 मिली जानकारी के अनुसार इस जाँच रिपोर्ट में  इंदौर नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त आईएएस अधिकारी सीबी सिंह सहित सोलह अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश करने के लिए विधि विभाग से अनुमति मांगी है। 
      कैलाशजी के मित्र  विधायक रमेश मेंदोला के खिलाफ विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त ने प्रकरण जरूर दर्ज किया है, लेकिन उनके खिलाफ आगे कार्रवाई की अनुमति नहीं मांगी है। जो जानकारी प्राप्त  हुई है उसके अनुसार  विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त ने जांच पूरी कर ली है। जांच में उद्योग मंत्री तथा तत्कालीन महापौर कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिले, क्योंकि इस मामले में मेयर इन काउंसिल का कोई रोल ही नहीं था। इसी आधार पर विधायक रमेश मेंदोला भी बच सकते हैं, जबकि तत्कालीन नगर निगम आयुक्त सीबी सिंह को इसमें दोषी पाया गया है। इस कारण राज्य सरकार ने उनके खिलाफ चालान पेश करने की अनुमति हेतु विधि विभाग को पत्र भेजा है। श्री सिंह के अलावा नगर निगम के कर्मचारी जगदीश देवगांवकर, हंसराज जैन, राकेश मिश्रा आदि के खिलाफ चालान पेश करने की अनुमति मांगी गई है।
      उलेखनीय है की  इंदौर नगर निगम ने धनलक्ष्मी केमिकल कंपनी को लीज पर तीन एकड़ जमीन दी थी। नंदा नगर के सुगनी देवी स्कूल के पास स्थित इस जमीन को नगर निगम ने राज्य सरकार की अनुमति के बिना नंदा नगर गृह निर्माण समिति को सौंप दी, जबकि नगर निगम को यह अधिकार नहीं है। नगर निगम के निर्णय के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व विधायक सुरेश सेठ ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय के निर्देश पर विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त ने मामले की जांच शुरू कर दी। एक साल से अधिक समय से चल रही जांच को लेकर न्यायालय ने कई बार लोकायुक्त पुलिस को फटकार भी लगाई।

No comments:

Post a Comment