इंदौर १९ जनवरी . औद्योगिक विकास के लिए बनने वाले पीथमपुर
क्लस्टर का मामला गरमाने लगा है। सैकड़ो किसानों के हजारों एकड़ सिंचित जमीन के मामले में मेधा पाटकर द्वारा किसानों के पक्ष में आने के बाद अब एकेवीएन भी शासन की पहरेदारी में जाग गई है।
गुरुवार को यहा एकेवीएन के कुछ अधिकारी व क्षेत्रीय पटवारी प्रभावित जमीन देखने काली
बिल्लोद पहुंचे। उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्यमंत्री ने प्रभावित जमीन का
दोबारा सर्वे कराने की बात कही थी।
एकेवीएन से केएस राठौर, पवन विजयवर्गीय और शंकरलाल सहित क्षेत्रीय पटवारी
इश्वर पाटिल के यहां पहुंचे ही गांव के 200 से अधिक किसान एकजुट हो गए। यहां
अधिकारियों ने जब किसानों से जमीन को लेकर चर्चा करना चाही तो किसानों ने साफ
कर दिया कि जमीन का एक टूकड़ा भी नहीं देंगे, चाहे कितना भी मुआवजा दे दो।
क्लस्टर का मामला गरमाने लगा है। सैकड़ो किसानों के हजारों एकड़ सिंचित जमीन के मामले में मेधा पाटकर द्वारा किसानों के पक्ष में आने के बाद अब एकेवीएन भी शासन की पहरेदारी में जाग गई है।
गुरुवार को यहा एकेवीएन के कुछ अधिकारी व क्षेत्रीय पटवारी प्रभावित जमीन देखने काली
बिल्लोद पहुंचे। उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्यमंत्री ने प्रभावित जमीन का
दोबारा सर्वे कराने की बात कही थी।
एकेवीएन से केएस राठौर, पवन विजयवर्गीय और शंकरलाल सहित क्षेत्रीय पटवारी
इश्वर पाटिल के यहां पहुंचे ही गांव के 200 से अधिक किसान एकजुट हो गए। यहां
अधिकारियों ने जब किसानों से जमीन को लेकर चर्चा करना चाही तो किसानों ने साफ
कर दिया कि जमीन का एक टूकड़ा भी नहीं देंगे, चाहे कितना भी मुआवजा दे दो।
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