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इंजीनियरिंग में ४० प्रतिशत तक कब्जा होगा युवतियो का



इंदौर २२ अप्रैल । शहर के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों से मिली जानकारी के मुताबिक इंजीनियरिंग की ओर गर्ल्स का रूझान पिछले कुछ सालों में बढ़ा है और यह निरंतर आगे बढ़ेगा, ऐसी उम्मीद एक्सपर्ट्स द्वारा भी की जा रही हैकी आने वाले समय के दौरान ४० प्रतिशत तक महिलाओं का इंजीनियरिंग में कब्जा होगा ।
                      एक समय था, जबगर्ल्स इंजीनियरिंग में कम्प्यूटर साइंस (सीएस) व इंफोर्मेशन  टेक्नोलॉजी (आईटी) ब्रांच तक ही सीमित होती थीं, पर   रविवारीय विशेष    अब और भी कोर इंजीनियरिंगब्रांचेस, जैसे- इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल आदि में 35प्रतिशत तक यह रूझान देखा जा सकता है।
           कुछ कालेजो से की गयी बातचीत  में यह बात सामने आई कि तीन साल में गर्ल्स का एडमिशन का प्रतिशत 19 से 27 प्रतिशत तक आ पहुंचाहै, वहीं प्लेसमेंट की अगर बात करें तो यह प्रतिशत 30 से 35 प्रतिशत पर आ चुका है। यही नहीं, अब अधिकतर सॉफ्टवेयर कंपनीज ने अपने सिलेक्शन क्राइटेरिया में गर्ल्स को प्राथमिकता देना भी शुरू कर दिया है। सीएस व  आईटी में गर्ल्स स्वयं को सिक्योर मानती हैं, क्योंकि यह इनहाउस जॉब होती हैं और वह जल्दी से स्विच ओवर नहीं करतीं। आईटी सेक्टर में करीब 60 प्रतिशत तकगर्ल्स आना पसंद करती हैं।
बोर्ड रूम में दिखाई देंगी 40 प्रतिशत वूमंस
वर्ल्ड टॉप ग्लोबल मेगा ट्रेंड्स टू-2020 की रिपोर्ट में यह कहा गया हैकि आने वाले समय में हर फील्ड में वूमंस पॉवर दिखाई देगा। हर तीन में सेएक वूमन नौकरी-पेशा होगी। यही नहीं, कुछ पेशों में तो वर्ष-2020 तक बोर्ड
रूम में 40 प्रतिशत वूमंस ही नजर आएंगी।

इसलिए हैं आगे...
- गर्ल्स में स्टेबिलिटी ज्यादा
- सेल्फ कॉन्फिडेंस भी अच्छा
- कम्युनिकेशन स्किल बेहतर
- प्रेजेंटेशन में भी बेस्ट परफॉर्मेंस
- ड्रेसिंग सेंस में भी अव्वल
इंजीनियरिंग में गर्ल्स का बेहतर परफॉर्मेंस
क्लास से लेकर प्लेसमेंट तक रहती हैं टॉप, कंपनीज की भी पहली पसंदइंजीनियरिंग में कॅरियर की ओर गर्ल्स का रूझान कुछ सालों में काफी बढ़ाहै। कोर इंजीनियरिंग ब्रांचेस, जैसे- सीएस, आईटी के अलावा आर्किटेक्ट,मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल के अलावा सिविल की ओर भी रूझान बढ़ रहा है। उधर,कैंपस ड्राइव में कंपनीज भी गर्ल्स को ज्यादा भरोसेमंद मानती हैं।
  पी राघवन,

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