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हाउसिंग बोर्ड में बड़ा घोटाला :करोड़ों की जमीन लाखो में बेची

इन्दौर २८ अप्रैल । गृह निर्माण मंडल में करोड़ों रुपए की खुली जमीन क्षेत्रीय विधायक के इशारे पर लाखों रुपए में फर्जी नाम पर बेच दी गई। नंदानगर में यह जमीन जिस सज्जन व्यक्ति के नाम पर आवंटित हुई थी उनके निधन के बाद गृह निर्माण मंडल में बड़ा खेल खेलते हुए मामूली नाम परिवर्तन कर इस जमीन की रजिस्ट्री करवा दी गई। इस मामले में  आयुक्त गृह निर्माण मंडल ने जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। उपायुक्त ने यह पूरा खेल बड़े गुपचुप तरीके से किया था।
सूत्रों के अनुसार इन्दौर जिले के नंदानगर लोकल इंदौर विशेष क्षेत्र में बीडीए द्वारा 2002-2003 में एक कॉम्प्लेक्स बनाया गया इसके बाद इस क्षेत्र में 6 हजार स्क्वेयर फीट जमीन ओपन छोड़ी गई थी। इस भूखण्ड स्थानीय उपायुक्त एनके देश पाण्डे ने कुछ समय के लिए किराये पर दे दिया था बाद में इसकी लीज निरस्त हो गई और इसके बाद मिली भगत से उक्त लीज पूर्नजिवित कर दी गई। इस मामले में मुख्यालय के पास कोई जानकारी या अनुमति का पत्र नहीं था। बाद में उपायुक्त देश पाण्डे ने और तत्कालीन इंजीनियर ने उक्त जमीन बेच दी। यह जमीन 5 व्यवसाईक हाउसिंग बोर्ड के क्षेत्र में मौजूद हैं। यहां बने कॉम्प्लेक्स में दो दर्जन से अधिक व्यवसाईक दुकानें हैं। इस मामले में जांच के बाद डीप्टी कमिश्नर इन्दौर एनके पाण्डे को दोषी पाया गया है। आयुक्त ने उक्त अधिकारी पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। यह मामला आर्थिक अपराध शाखा को भी सौंपा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में तात्कालीन हाउसिंग बोर्ड अध्यक्ष सीबी शेखर ने भी यह जमीन जिस व्यक्ति के नाम आवंटन जारी किया था उक्त व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके पत्र को गायब कर मिलते जुलते नाम से रजिस्ट्री कर करोड़ों रुपए की जमीन हथियाने का प्रयास किया था। भोजन भंडारे के नेताओं ने इस जमीन का करोड़ों में सौदा कर पैसे भी बाजार से उठा लिए हैं। अब बिल्डर सुबह शाम नेताओं के घर पुसटबाल की तरह चक्कर लगा रहे हैं और बता रहे हैं कि हमसे पिछले दिनों गांधी हाल में हुए आयोजन में भी पैसा लिया गया है।
रजिस्ट्री होगी निरस्त
हाउसिंग बोर्ड ने उक्त जमीन की रजिस्ट्री निरस्त करने की तैयारी कर ली है। हाउसिंग बोर्ड का कहना है कि उक्त भूखण्ड की कीमत 2 करोड़ रुपए से अधिक है जबकि इसे मात्र 35 लाख रुपए में बेचा गया हैं।
उक्त जमीन डीप्टी कमिश्नर आरके यादव ने वर्ष 2003 में बेची थी। मेरा इससे कोई लेना देना नहीं है।
एन के देश पाण्डे, उपायुक्त इन्दौर
गुपचुप तरीके से जमीन बेचने के मामले में उपायुक्त के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
अरूण भट्ट, आयुक्त मध्यप्रदेश  हाउसिंग बोर्ड

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