इंदौर ११ अप्रैल । ...............उसके कपड़े उतार के घर
भेजो......... ये शब्द है संत
आसाराम बापू के । जो उन्होंने अपने एक सेवादार
को कहे । इंदौर में बापू ने प्रवचन के दौरान सेवादार लोगों को पानी पिला रहा था।वह एक ही गिलास को बार-बार बाल्टी में
डुबा कर पानी निकाल कर लोगों को पिला रहा था। बापू ये देख कर भड़क उठे मंच से ही सेवादार को डांटते हुए उनके लिए कई अपशब्द कहे। वे बोले मग्गे से भर कर पानी दिया करो।इंसानों को पानी पिला रहे हो, ढोरों को नहीं । गंदे, पागल, बेशर्म के साथ ही वे कह गये कि उसके कपड़े उतार के घर
भेजो ।
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