इंदौर २६ फरवरी । प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने पार्टी के प्रवक्ता केके मिश्रा को पद से हटा दिया। इन दोनों के बीच लड़ाई को ले कर शुक्रवार को भोपाल से
इंदौर तक कांग्रेस के कुछ नेताओं ने समझौते का प्रयास भी किया लेकिन सफलता
नहीं मिल सकी। इस पूरी लड़ाई के पीछे भूरिया के पीए प्रवीण कक्कड़ की
कांग्रेस संगठन के मामले में बेवजह हस्तक्षेप माना जा रहा है।
केके मिश्रा ने पहले इंदौर में और उसके बाद भोपाल में उन्होंने विपक्ष में रहकर भाजपा सरकार के खिलाफ कई मामले उठाए। मिश्रा को कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सुभाष यादव भोपाल लेकर आए थे। सुरेश पचौरी ने अध्यक्ष बनने के बाद मिश्रा के कद और पद को बहाल रखा। सरकार के खिलाफ पचौरी के कार्यकाल में भी मिश्रा के हमले जारी रहे। लेकिन कांतिलाल भूरिया के अध्यक्ष बनने के बाद मिश्रा पर लगाम लगा दी गई।
इस संबंध में केके मिश्रा का कहना है कि संगठन में पद पर रखना न रखना अध्यक्ष का विशेष अधिकार है। लेकिन कांग्रेस और उसकी विचारधारा से मुझे कोई दूर नहीं कर सकता।
केके मिश्रा ने पहले इंदौर में और उसके बाद भोपाल में उन्होंने विपक्ष में रहकर भाजपा सरकार के खिलाफ कई मामले उठाए। मिश्रा को कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सुभाष यादव भोपाल लेकर आए थे। सुरेश पचौरी ने अध्यक्ष बनने के बाद मिश्रा के कद और पद को बहाल रखा। सरकार के खिलाफ पचौरी के कार्यकाल में भी मिश्रा के हमले जारी रहे। लेकिन कांतिलाल भूरिया के अध्यक्ष बनने के बाद मिश्रा पर लगाम लगा दी गई।
इस संबंध में केके मिश्रा का कहना है कि संगठन में पद पर रखना न रखना अध्यक्ष का विशेष अधिकार है। लेकिन कांग्रेस और उसकी विचारधारा से मुझे कोई दूर नहीं कर सकता।
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