
लोकल इंदौर से चर्चा करते हुए उन्होनं स्वीकार किया कि नई पीढी इस संगीत की मिठास से अछूती है उनके अनुसार माता पिताओं को भी इस संगीत का परिचय अपने बच्चों को कराना चाहिए । वे कहते है फिल्म और रेडियों एक अच्छा माध्यम है संगीत को लोकप्रिय बनानें का मगर अफसोस कि यहॉं भी व्यवसायिकता हावी हो गई है ।उन्होने दुख प्रगट करते हुए कहा कि आज फिल्मों में जो संगीतकार है उनका भारतीय संगीत का ज्ञान न के बराबर है । कुछ टीवी चेनल पर संगीत को ले कर कुछ कार्यक्रम आ रहे है इस बात की खुशी है । सरकार को इस क्षेत्र में प्रयास करना चाहिए कि भारतीय संगीत घरानों के इस पंरम्परा को वह संरक्षित किया जा सके । इस अवसर पर प्रदेश के एक मात्र टाप ग्रेड तबलावादक रामस्वरूप रतुनिया का कहना था कि आकाशवाणी पर ही भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक मात्र कार्यक्रम आता है जिसकी आवृति बढाने के लिए प्रयास किए जा रहे है । उन्होने कहा कि हिदुस्तान में पहले संगीत घराने हुआ करते थे बाद में आकाशवाएाी ने इन घरानों के कलाकारो को अपने यहॉं अपनाया और एक समय में ये कलाकार अपने को रेडियों स्टेशनो के घराने से पहचाने जाने लगें।
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अपने उत्पाद सेवा को प्रचारित करने का बेहतर
स्थान लोकलइंदौर
स्थान लोकलइंदौर
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