इंदौर १२ फरवरी ।गत वर्ष २०११ में पुलिस
अभिरक्षा से ४० और प्रदेश की विभिन्न जेलों से ३६ कैदी फरार होने की घटनाओं को देखते हुए प्रदेशकी जेलों में सजा काट रहे कुख्यात कैदियों की पेशी अब यात्री वाहनों से
लाकर नहीं कराई जाएगी। । इसके लिए पुलिस महकमा
अलग से वाहनों का इंतजाम करेगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस
मुख्यालय ने पुलिस कप्तानों को इस व्यवस्था को सख्ती से लागू करने की
हिदायत दी है।
हालाँकि सुप्रीमकोर्ट ने जेल महकमे को लूट, डकैती,अपहरण और हत्या जैसे संगीन मामलों में सजा काट रहे कुख्यात कैदियों को यात्री बसों और प्राइवेट वाहनों से अस्पताल और पेशी पर न ले जाने के निर्देश दिए हैं।क्योकिऐसी स्थिति में कैदियों के भागने की आशंका बनी रहती है, क्योंकि यात्री वाहनों में सवारी के रूप में कैदियों के साथी पहले से बैठे हो सकते हैं। ये साथी मौके का फायदा उठाकर कैदियों को भागने में मदद कर सकते हैं।
हालाँकि सुप्रीमकोर्ट ने जेल महकमे को लूट, डकैती,अपहरण और हत्या जैसे संगीन मामलों में सजा काट रहे कुख्यात कैदियों को यात्री बसों और प्राइवेट वाहनों से अस्पताल और पेशी पर न ले जाने के निर्देश दिए हैं।क्योकिऐसी स्थिति में कैदियों के भागने की आशंका बनी रहती है, क्योंकि यात्री वाहनों में सवारी के रूप में कैदियों के साथी पहले से बैठे हो सकते हैं। ये साथी मौके का फायदा उठाकर कैदियों को भागने में मदद कर सकते हैं।
जेल
महकमे ने पुलिस के एडीजी इंटेलीजेंस आरके शुक्ला को पत्र लिखा है। पत्र में
कहा गया है कि कुख्यात अपराधियों को पेशी पर ले जाने के लिए पुलिस की ओर
से शासकीय वाहन मुहैया कराई जाए।
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