इंदौर २९ मार्च ।यूनियन
कार्बाइड (यूका) का जहरीला कचरा पीथमपुर के इंसीनिरेटर में जलाने के सबंध मेंदिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के सचिव
टी. चटर्जी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए निर्णय के बाद प्रदेश सरकार अब अप्रैल में जबलपुर हाई कोर्ट के निर्णय का इन्तजार कर रही है।
केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने यूका का कचरा पीथमपुर में ही जलाने के लिए राज्य सरकार को निर्देशित किया है। जबकि इस मामले में अभी मप्र हाईकोर्ट का फैसला आना बाकी है।
बैठक में हुए फैसले के तहत प्रायोगिक तौर पर इसमें सफलता मिलने पर बाकी का ३५० मीट्रिक टन कचरा भी यहीं जलाया जाना तय हुआ था। हालांकि इस मामले में अभी मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का फैसला आना बाकी है। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि जब तक हाईकोर्ट से कोई फैसला नहीं आ जाता तब तक आगे की कार्रवाई करना मुमकिन नहीं है।
केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने यूका का कचरा पीथमपुर में ही जलाने के लिए राज्य सरकार को निर्देशित किया है। जबकि इस मामले में अभी मप्र हाईकोर्ट का फैसला आना बाकी है।
बैठक में हुए फैसले के तहत प्रायोगिक तौर पर इसमें सफलता मिलने पर बाकी का ३५० मीट्रिक टन कचरा भी यहीं जलाया जाना तय हुआ था। हालांकि इस मामले में अभी मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का फैसला आना बाकी है। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि जब तक हाईकोर्ट से कोई फैसला नहीं आ जाता तब तक आगे की कार्रवाई करना मुमकिन नहीं है।
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