इंदौर ५ मार्च......सरकार एक बार फिर से यूनियन कार्बाइड के ३४६ टन अपशिष्ट को पीथमपुर में जलाए जाने का निर्णय ले रही है। लेकिन इसका अभी से विरोध प्राम्भ हो गया है।संगठनों का कहना है की कचरा यहाँ जलाया गया तो उग्र आन्दोलन किया जायेगा ।
पिछली बार इस खतरनाक कचरे के निपटान का विरोध करने वाली संस्था लांेक मैत्री के सदस्यों ने रविवार को एक बैठक लेकर इस कचरे का विरोध करने का निणर्य लिया है। संस्था लोक मैत्री द्वारा पूर्व में भी इस कचरे को रामकी इनवायरो इंजीनियर्स की मध्यप्रदेश वेस्ट मैनेजमेंट साइट पीथमपुर के भस्मक में जलाए जाने का भरपूर विरोध किया था। इसके बाद यहा पर आए पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने इंदौर की जनता को आश्वस्त किया था की कचरे के निपटान के लिए अन्यत्र जगह तलाशी जाएगी।
इस बारे मध्यप्रदेश में उच्च न्यायालय ने १२ जुलाई २०११ को मध्यप्रदेश शासन को निर्देशित किया था कि यूका का खतरनाक अपशिष्ट नागपुर के पास बोरखेड़ी में रक्षा अनुसंधान विकास संस्थान केे उन्नत भस्मक में जलाने के लिए भेजा जाए। इस पर नागपुर केे नागरिकोें व स्वयंसेवी संगठनों ने इसऽा तीव्र विरोध करना शुरू कर दिया था। इसके बाद न्यायालय द्वारा रसायन व उर्वरक मंत्रालय के अंतर्गत गठित टास्क फोर्स द्वारा २४ फरवरी २०१२ को दिल्ली में हुई बैठक में पुन यह अनुशंसा कर दी गई है की यूका का यह कचरा पीथमपुर स्थित भस्मक में ही जलाया जाए।
No comments:
Post a Comment